Indicators on shiv chalisa lyricsl You Should Know
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थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।
शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
माता-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई ।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो रहे धारी ।
पाठ पूरा हो जाने पर कलश का जल सारे घर में छिड़क दें।
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब shiv chalisa lyricsl मिलि तुमहिं जुहारी॥